लखनऊ ,संवाददाता | गत वर्ष 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में CRPF के काफिले पर हुए हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले को अंजाम देने वाला हमलावर आदिल अहमद डार तो मौके पर ही मार गिराया गया था। लेकिन हमले की साजिश में अहम भूमिका निभाने वाला मुदस्सिर अहमद खान 25 दिन बाद पिछले वर्ष 10 मार्च को मुठभेड़ में मार गिराया गया था। बाद में 26 फरवरी की रात को भारतीय वायुसेना ने जवाबी कार्यवाई करते हुए पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकियों के ठिकानों को नष्ट कर दिया था।
पुलवामा आतंकी हमला मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआइए को बड़ी कामयाबी मिली है। एनआइए ने आज शुक्रवार को इस मामले के एक आरोपी शाकिर बशीर माग्रे को गिरफ्तार किया। शाकिर जैश-ए-मोहम्मद का एक ओवर ग्राउंड कार्यकर्त्ता है। एनआइए का कहना है कि शाकिर ने ही आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार को अपने यहां शरण दी थी और हमले के लिए जरूरी मदद भी पहुंचाई थी।
एनआइए ने बताया कि आरोपी शाकिर ने पूछताछ में खुलासा किया है,कि उसने 2018 के आखिर से फरवरी 2019 तक अपने घर में आदिल अहमद डार और पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद उमर फारूक को शरण दी थी। इतना ही नहीं शाकिर ने इन दोनों आतंकियों को विस्फोटक जमा करने में उनकी सहायता की थी। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, आरोपी शाकिर को विस्तृत पूछताछ के लिए 15 दिन की एनआईए हिरासत में भेज दिया गया है।
आशा है ,अब CRPF के 40 जवानों की हत्या की पूरी साजिश से जल्द पर्दा उठ सकता है। एनआइए ने इस केस के सिलसिले में अहम सबूतों के मिलने का दावा किया है। एनआइए की मानें तो नए सबूतों की पड़ताल के बाद हमले की पूरी साजिश में शामिल कई आरोपियों की पहचान हुई है। आरोपियों से आगे की पूछताछ की जा रही है।