लखनऊ (सवांददाता) भाजपा की तीन रथयात्राओं को मना करने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को आज कलकत्ता हाई कोर्ट ने बड़ा झटका देते हुए कहा है कि राज्य सरकार कल्पना के आधार पर डर को कारण नहीं बना सकती है। सरकार कल्पना के जरिए या किसी अन्य राज्य में क्या हो रहा है, उस आधार पर सांप्रदायिक हिंसा की आशंका नहीं जता सकती। लोकतंत्र में सभी राजनीतिक दलों को अपनी बात रखने और कहने का अधिकार है, ऐसे में कोई भी सरकार किसी पार्टी के बुनियादी अधिकारों पर हमला नहीं कर सकती है। हाई कोर्ट ने भाजपा को तीन रथ यात्राओं के लिए अनुमति दे दी है। साथ ही, यह निर्देश दिया कि प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्य में कहीं भी कानून- व्यवस्था का उल्लंघन न हो।
बताते चलें कि राज्य सरकार द्धारा यात्रा की अनुमति नहीं मिलने के बाद भाजपा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर न्याय की गुहार लगाई थी।
इस फैसले के बाद जहाँ केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने कहा कि उन्होंने बेहद शातिर ढंग से यात्रा के साथ रथ जोड़ दिया, जिस पल आपने उसमें रथ जोड़ दिया। आप उसे महाभारत और रामायण के साथ जोड़ देते हैं, तब भाजपा पर सांप्रदायिक होने का आरोप लगाना ज्यादा आसान हो जाता है, वहीं पश्चिम बंगाल में भाजपा की तीन रथ यात्राओं को हाई कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हम इस फैसले का स्वागत करते हैं और हमें न्यायपालिका पर भरोसा था कि हमें न्याय मिलेगा। यह निर्णय निरंकुशता के मुंह पर तमाचा है।