लखनऊ (सवांददाता) अब नशे के खिलाफ जारी जंग में पंजाब के साथ हरियाणा और उत्तर भारत के अन्य राज्य भी शामिल हो गए है। नशीले पदार्थों के तस्करों से जंग पर आमादा हरियाणा की पहल पर सात राज्यों ने हाथ मिला लिए हैं। नशा तस्करों का नेटवर्क तोड़ने के लिए हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली और चंडीगढ़ साझा ‘वार रूम’ बनाएंगे। इसे सचिवालय का नाम दिया गया है। यहां से नशा तस्करों के खिलाफ पूरी रणनीति को अंजाम दिया जाएगा।
यह साझा सचिवालय हरियाणा व पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ के साथ मिले हुए शहर पंचकूला में खोला जायेगा। यही नहीं इसके साथ-साथ जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश की सरकारों को भी नशे से निपटने की जंग में शामिल किया जाएगा। जिसके लिए खुद हरियाणा प्रयासरत रहेगा।
चंडीगढ़ में आज करीब ढाई घंटे चली मुख्यमंत्रियों की बैठक में नशे की समस्या से निपटने में आ रही दिकत्तों पर नई रणनीति पर बातचीत हुई। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अफसरों की टीम के साथ बैठक में शामिल हुए।
बताते चलें कि मौसम में खराबी के कारण हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर इस बैठक में शामिल नहीं हो सके लेकिन वह वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक से जुड़े रहे। इनके अलावा दिल्ली, राजस्थान और चंडीगढ़ की ओर से गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक स्तर के अधिकारियों ने बैठक में अपने राज्यों का प्रतिनिधित्व किया।
बैठक के उपरांत हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पत्रकारों को दिए गए अपने बयान में कहा कि नशे की विकट समस्या को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन्हें चिट्ठी लिखी थी। हालांकि उन्होंने जवाब में हरियाणा की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी तभी दे दी थी, लेकिन इसी दौरान नशे से निपटने के लिए उत्तर भारत के सभी राज्यों की मंथन बैठक बुलाने का विचार आया। जो अब रणनीति के रूप में आगे बढ़ेगा।
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र रावत ने मनोहर लाल की उस बात पर सहमति जताई, जिसमें उन्होंने कहा कि नशा तस्करों की कोई सीमा नहीं होती। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि आज नशा विकट समस्या बन गया है। इससे निपटने के लिए सभी राज्य एक मंच पर आए हैं।