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देश विरोधी नारेबाजी के मामले में जनहित याचिका ख़ारिज ,याची पर लगा जुर्माना
लखनऊ, संवाददाता | 9 फरवरी 2016 को जेएनयू परिसर में देश विरोधी नारेबाजी करने के मामले में जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए नागरिकता छीनने की मांग वाली जनहित याचिका को ख़ारिज कर दिया | कोर्ट ने जहाँ कोरोना महामारी के दौरान बेवजह याचिका दाखिल कर कोर्ट का कीमती समय बर्बाद करने की निंदा की वहीँ अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए याची पर 25 हजार रुपये का हर्जाना लगाया है |
कोर्ट ने कहा है कि याचिका जनहित में न होकर बिना संविधान व नागरिकता कानून का अध्ययन किये चीप पब्लिसिटी हासिल करने के लिए दाखिल की गयी. इस तरह याचिका न्याय प्रक्रिया का दुरुपयोग करना है |
जस्टिस शशिकान्त गुप्ता और जस्टिस शमीम अहमद की डिवीजन बेंच ने वाराणसी के नागेश्वर मिश्र की जनहित याचिका पर यह आदेश दिया | कोर्ट ने याची को हर्जाने की राशि 30 दिन में रजिस्ट्रार जनरल के कार्यालय में जमा कराने का निर्देश दिया है |कोर्ट ने कहा है कि यह राशि एडवोकेट एसोसिएशन के खाते में जमा की जाये. साथ ही हर्जाना नहीं देने की स्थिति में जिलाधिकारी वाराणसी याची से जुर्माना वसूल करें.
याची ने दलील दी कि कन्हैया कुमार ने अन्य छात्रों के साथ 9 फरवरी 2016 को जेएनयू परिसर में देश विरोधी नारेबाजी की, जिसको लेकर आपराधिक मुकदमे का ट्रायल चल रहा है | देश विरोधी नारेबाजी एवं गतिविधियों के बावजूद केन्द्र सरकार कन्हैया कुमार की नागरिकता नहीं छीन रही है | कन्हैया कुमार के ग्रुप के लोग पाक के उकसाने पर आतंकी गतिविधियों में लिप्त लोगों को स्वतंत्रता संघर्ष करने वाला करार देते हैं, ऐसे लोग देश की शांति भंग करने में जुटे हैं |
कोर्ट ने कहा कि आपराधिक मुकदमा चलने के आधार पर किसी व्यक्ति की नागरिकता नहीं छीनी जा सकती है. याचिका दिग्भ्रमित होकर दाखिल की गयी |
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