लखनऊ (सवांददाता) लखनऊ के तेलीबाग चौराहे पर नोइंट्री से रोकने पर एक महिला ने अभी चार दिन पूर्व ही चौकी इंचार्ज का गिरेबान पकड़ कर उसे भरे मजमे के दौरान थप्पड़ जड़ दिया था तो वही आज बिजनौर के टांडा माईदास में दलितों द्धारा पुलिस को बंधक बनाकर मारपीट करने के प्रकरण में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यहाँ तो फिर भी पुलिस ने बंधक बनाने वालों के विरुद्ध मुक़दमा पंजीकृत कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया हैं, लेकिन लखनऊ में खुले आम दरोगा के साथ मारपीट करने वाली महिला के विरुद्ध पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की | सूत्र बताते हैं कि उच्च अधिकारीयों ने उलटे ही दरोगा से इस मामले में कहा कि अगर तुम मुक़दमा दर्ज करवाएंगे तो उस महिला की भी तहरीर के मुताबिक़ तुम्हरे विरुद्ध मुक़दमा दर्ज करना पड़ेगा | जबकि इस मामले में दरोगा कसूरवार नहीं हैं |
कही पर पुलिस की कार्यप्रणाली बेहद ख़राब हैं तो कही पर पुलिस का खौफ जनता के दिलों से निकल चुका हैं | नगीना देहात रायपुर सादात थाना क्षेत्र के गांव टांडा माईदास में 9 नवंबर को दो पक्षों के झगड़े में पहुंची पुलिस को एक पक्ष के दलितों ने बंधक बना लिया था। आरोपियों ने घर के मुख्य गेट पर ताला लगाकर एक दरोगा सहित दो पुलिसकर्मियों को पीटा। पुलिस के साथ मारपीट की खबर से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया।
थाना अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह के नेतृत्व में पुलिस बल ने टांडा माईदास पहुंचकर आरोपियों की धरपकड़ के लिए कई घरों में छानबीन की। पुलिस ने मारपीट प्रकरण के आरोपी रामलाल और एक महिला को उसी दिन हिरासत ले लिया।
पुलिस ने इस प्रकरण में 14 लोगों का नामजद और 30 अज्ञात महिला-पुरुषों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। पुलिस तभी से आरोपियों की धरपकड़ में जुटी है।
आज पुलिस ने इस प्रकरण में आरोपी टांडा माईदास निवासी धन्नू पुत्र छोटे व मोल्हड़वाला निवासी कोमल पुत्र अमर सिंह को गिरफ्तार किया है, जबकि अन्य आरोपी फरार हैं। लेकिन लखनऊ के तेलीबाग में पीटे गए दरोगा की खबरे आने के बाद भी लखनऊ पुलिस इस मामले में जाने क्यों कोइ संज्ञान नहीं ले रही हैं | अगर यही हाल रहा तो आने वाले समय में अपराधियों का मनोबल बढ़ जाएगा और पुलिस का हौसला टूट जायेगा |