जो तम्बाकू ,पान मसाले, शराब और सिगरेट से नहीं डरे ,वो क्या डरेंगे कोरोना भाई से
केजीएमयू ने लिंब सेंटर को कोविड अस्पताल बनाए जाने का लिया फैसला
आखिरकार क्यों भाग रहे हैं कोरंटीन रूम से मरीज़ ?
लखनऊ,संवाददाता |किसी भी देश में भले ही कोरोना वायरस (कोविड-19 ) का खौफ लोगों को सत्ता रहा हो लेकिन हमारे भारत में इस वायरस के खौफ का असर रत्ती भर भी नहीं है | गलियों में क्रिकेट खेला जा रहा है , बैडमिंटन खेला जा रहा है ,बिना किसी ख़ास कार्य के मौज मस्ती की जा रही है ,रात में दर्जनों लोग गलियों गलियों खड़े होकर हंसी मज़ाक़ कर रहे है ,जिसका मुख्य कारण ये है कि हमारे भारत में लोग जानते हैं कि सिगरेट पीने और गुटका,तम्बाकू के सेवन से हमें कैंसर हो जाएगा ,इसमें हम मर सकते हैं ,यहाँ के नागरिक जानते हैं कि हम शराब के पीने से मौत की आगोश में चले जाएंगे ,बावजूद इसके इस तरह के लोग मौत से दो दो हाथ कर रहे हैं और अपनी जान हथेली पर लिए हुए हैं | अब ऐसे लोगों के सामने मौत के खौफ का चैलेंज क्या हैसियत रखता है | मेरा दावा है, यदि आज सरकार लॉकडाउन को खत्म कर दे तो अपने घरों में रहने वाले नागरिक सड़क पर इस तरह आ जाएंगे जैसे कल रात कोरोना वायरस का स्वप्ना देखा हो | यहाँ कहने का तात्पर्य सिर्फ इतना है कि यदि सरकार ने सख्त फैसले नहीं लिए होते तो आज भारत में लाखों लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी होती और कई करोड़ लोग इस वायरस से ग्रसित होते | क्योंकि इस वायरस का प्रकोप घटा नहीं है ,स्थिर नहीं हुआ है बल्कि बढ़ता ही जा रहा है | क्योंकि शनिवार को शहर लौटे आठ मजदूर व परिवार वालों में कोरोना पाया गया। इसमें चार पुरुष-चार महिलाएं हैं। सभी कोरंटीन सेंटर में ठहरे थे।जिन्हें लोहिया हॉस्पिटल में भर्ती कराया जाएगा। यही नहीं शुक्रवार को मुंबई से प्रवासी मजदूरों संग लौटी महिला में भी कोरोना की पुष्टि हुई। यह छठा मील इलाके में पहला केस है।इस तरह राजधानी लखनऊ में संक्रमित मरीजों की संख्या 321 पहुंच गई है।
हजरतगंज क्षेत्र में स्थित नरही में भी कोरोना ने दस्तक दे डाली है । सिविल अस्पताल में भर्ती यहां की 32 वर्षीय एक महिला की कोरोना रिपोर्ट शुक्रवार को पॉजिटिव आने से अस्पताल परिसर समेत नरही इलाके में भी हड़कंप मच गया। महिला गुरुवार को इमरजेंसी में दिखाने के बाद आइसोलेशन में भर्ती की गई थी। कोरोना के संदिग्ध लक्षण दिखने पर उसका नमूना जांच के लिए भेजा गया था। शुक्रवार की रात रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद महिला को लोकबंधु अस्पताल में शिफ्ट करा दिया गया है। नरही क्षेत्र में कोरोना संक्रमण का यह पहला मामला है।सिविल व लोकबंधु अस्पताल के निदेशक डॉक्टर डीएस नेगी ने बताया कि महिला में संक्रमण की पुष्टि होने के बाद उसे लोकबंधु शिफ्ट करा दिया गया है। जिस वार्ड में भर्ती थी उसे सील कराकर सैनिटाइजेशन कराया गया है। पूरा एहतियात बरतते हुए पहले ही उसे आइसोलेशन में रखा गया था। फिर भी संपर्क में कोई आया होगा तो उसे क्वारंटाइन किया जाएगा।
कोरोना के शहर में 7 मई तक कोई मामले नहीं आए थे लेकिन अब कुल मरीज बढ़कर 321 हो गए हैं| लोहिया संस्थान में एक लावाररिस मरीज भर्ती कराया गया था ,इसमें कोरोना की पुष्टि भी हुई थी ,लेकिन 18 अप्रैल की रात करीब नौ बजे मरीज अस्पताल से भाग गया था | कई पुलिसकर्मी मरीज की खोज में जुटे और आखिरकार 19 अप्रैल को मरीज को इंदिरानगर भूतनाथ के पास पकड़ा गया। इस दौरान उसके संपर्क में आए कितनों को उसने संक्रमण का तोहफा दिया ,इसकी जानकारी भी नहीं है |
सुल्तानपुर के रहने वाले मरीज को केजीएमयू में 18 मई को भर्ती किया गया था, जिसकी कोरोना जांच के लिए सैंपल भेजा गया और देर रात आई रिपोर्ट में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई | इसी बीच बेड से मरीज गायब हो गया | 12 घंटे की पुलिस की कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस उस मरीज़ को वापस ला सकी | वो कौन से अस्पतालों में गया होगा ? किसके किसके गले लगा होगा ? ये पता नहीं चल सका है | एक प्रश्न पहुत दिनों से मन में उत्पन्न हो रहा कि आखिर कोरंटीन सेंटर में ऐसा क्या है जिससे मरीज़ वहां से भाग रहे हैं ?
हरदोई जहाँ अभी कुछ सप्ताह पूर्व कोरोना की दस्तक भी नहीं हुई थी वहां भी अब कोरोना ने कहर बरसाना शुरू कर दिया है। महाराष्ट्र से अपने साधनों से आये पांच श्रमिक कोरोना पॉजिटिव निकले। सभी संडीला के कोरन्टाइन होम में थे। शनिवार की सुबह रिपोर्ट आते ही स्वास्थ्य विभाग हलचल तेज़ हो गई । जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर पहुँच गई और सभी को बावन अस्पताल एम्बुलेंस से भिजवाया गया|
श्रावस्ती के मल्हीपुर थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत बरगदहा में मुंबई से लौटे प्रवासी मजदूर की होम कोरंटीन के दौरान अचानक हालत बिगड़ गई। ग्राम प्रधान की सूचना पर मौके पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की प्रभारी डॉ. सुमन ने जांच के लिए सीएचसी मल्हीपुर भेज दिया।
बरगदहा गांव निवासी हरिश्चंद्र 12 मई को मुंबई से घर आए थे। परीक्षण के बाद उसे होम क्वारंटाइन किया गया था। दो दिन पूर्व अचानक उसकी हालत बिगड़ गई। इस दौरान खांसी, बुखार, सांस लेने में परेशानी हो रही थी। कोरोना के लक्षण मिलने के बाद मिली जानकारी से गांव वालों में दहशत व्याप्त हो गई |हालाँकि प्रधान पति संदीप जयसवाल की सूचना पर पीएचसी प्रभारी मौके पर पहुंच गए,और जाँच के बाद उसे सीएचसी मल्हीपुर भेज दिया |
बताये चलें कि 450.62 लाख के सिविल व लोकबंधु अस्पताल के निदेशक डॉक्टर डीएस नेगी ने बताया कि महिला में संक्रमण की पुष्टि होने के बाद उसे लोकबंधु शिफ्ट करा दिया गया है। जिस वार्ड में भर्ती थी उसे सील कराकर सैनिटाइजेशन कराया गया है। पूरा एहतियात बरतते हुए पहले ही उसे आइसोलेशन में रखा गया था। फिर भी संपर्क में कोई आया होगा तो उसे क्वारंटाइन किया जाएगा।
कोरोना के शहर में 7 मई तक कोई मामले नहीं आए थे लेकिन अब कुल मरीज बढ़कर 321 हो गए हैं| लोहिया संस्थान में एक लावाररिस मरीज भर्ती कराया गया था ,इसमें कोरोना की पुष्टि भी हुई थी ,लेकिन 18 अप्रैल की रात करीब नौ बजे मरीज अस्पताल से भाग गया था | कई पुलिसकर्मी मरीज की खोज में जुटे और आखिरकार 19 अप्रैल को मरीज को इंदिरानगर भूतनाथ के पास पकड़ा गया। इस दौरान उसके संपर्क में आए कितनों को उसने संक्रमण का तोहफा दिया ,इसकी जानकारी भी नहीं है |
सुल्तानपुर के रहने वाले मरीज को केजीएमयू में 18 मई को भर्ती किया गया था, जिसकी कोरोना जांच के लिए सैंपल भेजा गया और देर रात आई रिपोर्ट में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई | इसी बीच बेड से मरीज गायब हो गया | 12 घंटे की पुलिस की कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस उस मरीज़ को वापस ला सकी | वो कौन से अस्पतालों में गया होगा ? किसके किसके गले लगा होगा ? ये पता नहीं चल सका है | एक प्रश्न पहुत दिनों से मन में उत्पन्न हो रहा कि आखिर कोरंटीन सेंटर में ऐसा क्या है जिससे मरीज़ वहां से भाग रहे हैं ?
केजीएमयू ने लिंब सेंटर को कोविड अस्पताल बनाने का फैसला किया है। यहां शिफ्ट पांचों विभागों के डॉक्टर को कक्ष खाली करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया था। इसमें बेडों पर ऑक्सीजन सप्लाई समेत कई कार्य होने हैं। ऐसे में 450.62 लाख रुपये का प्रस्ताव भी भेजा गया था जो कुछ शर्तों के साथ दुबारा मंज़ूर किया जाएगा ,फ़िलहाल अभी ये प्रस्ताव वापिस कर दिया गया है |
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