लखनऊ (सवांददाता)। पाकिस्तान में 25 जुलाई को होने वाले आम चुनाव की तैयारियों के बावत सभी राजनैतिक दल चुनाव जीतकर अपनी सरकार बनाने की भरसक कोशिश में है| जबकि पाकिस्तान में कट्टरपंथी और आतंकवाद में लिप्त पार्टिया भी चुनाव मैदान में अपनी पार्टी की सरकार बनाना चाह रही है| लेकिन ये सब बातें अपनी जगह है मगर आज जो घटना सामने आई है उसकी उम्मीद तो पाकिस्तानी ख़ुफ़िया तंत्र को भी थी| बताते चले की पीके-99 निर्वाचन क्षेत्र से प्रांतीय असेंबली सीट के उम्मीदवार इकममुल्ला गंदापुर एक चुनावी बैठक में शामिल होने जा रहे थे, तभी आत्मघाती हमलावर का शिकार हो गए। इस हमले में पीटीआइ नेता, उनके चालक और दो पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए। गंभीर रूप से घायल गार्ड और ड्राइवर की मौत हो गई। जबकि पीटीआइ नेता की हालत गंभीर बनी हुई है। इस बार आतंकियों ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के उम्मीदवार को निशाना बनाया। लेकिन सौभाग्य यह रहा कि इस हमले में उनकी जान बच गई, लेकिन उन्हें गंभीर चोटें आईं है। खैबर-पख्तूनख्वा प्रांत में हुए इस आत्मघाती हमले में दो लोगों की जान भी चली गई। अखबार ने अस्पताल के सूत्रों का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें संयुक्त सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सूत्रों के अनुसार गंदापुर ने पीटीआइ के नेतृत्व वाले खैबर पख्तूनख्वा कैबिनेट में प्रांतीय कृषि मंत्री के रूप में कार्य किया है। आत्मघाती हमले में उनके भाई और कानून मंत्री इस्सार उल्लाह खान की मौत के बाद डेरा इस्माइल खान जिले की पीके 67 सीट खाली हो गई थी, जिसपर उसे उपचुनाव के बाद उन्हें चुना गया। गौरतलब है कि 10 जुलाई को ही पेशावर में पाकिस्तान तहरीक-ए-तालिबान के आत्मघाती हमले में अवामी नेशनल पार्टी के वरिष्ठ नेता हारून बिल्लौर समेत 19 लोगों की मौत हो गई थी। जबकि, सात जुलाई को बन्नू में ही मुत्ताहिदा मजलिस-ए- अमल के एक काफिले पर हुए हमले में सात लोग घायल हो गए थे।