लखनऊ (सवांददाता) बिशप की नियक्ति को लेकर बीजिंग और वेटिकन के बीच हो रही वार्ता के दरमियान चीन सरकार द्वारा ईसाई आबादी वाले हेनान प्रांत में जहां अवैद्य गिरजा घरों को तोडा जा रहा है वही कैथोलिक चर्च में बच्चों को सामूहिक प्रार्थना में हिस्सा लेने से भी मना कर दिया गया है | पादरियों को चर्च के सदस्यों, अपने वित्तीय और विदेशी साझेदारी की जानकारी प्रशासन को सौपने पर ज़ोर दिया जा रहा है | आधिकारिक रूप से नास्तिक कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार ने बीते कुछ समय से कई धार्मिक समुदाय खासकर ईसाइयों पर बड़ी कार्रवाई की है।
हेनान के अलावा चीन के अन्य प्रांतों में भी चर्च पर हमले हो रहे हैं। हेनान में कई जगह चर्च टूटने से वहां के रोमन कैथोलिक ईसाई समुदाय के पास प्रार्थना करने का कोई स्थान नहीं रह गया है। पुयांग शहर में भी एक चर्च को अवैध करार देकर उसे धवस्त कर दिया गया।
बताते चलें कि इन घटनाओं के बाद चर्च द्वारा चलाए जा रहे स्कूल बंद कर दिए गए हैं यही नहीं चर्च के ऊपर लगे क्रॉस के निशान को हटाकर धार्मिक वस्तुओं को जब्त कर लिया गया है। इस वर्ष बनाए गए नए धार्मिक अधिनियम के तहत समुदाय पर कई तरह की पाबंदियां लगाई जा रही हैं। कई पादरियों का इस मामले पर कहना है कि हेनान प्रांत में लगाई जा रही पाबंदियां धार्मिक आज़ादी के विरुद्ध है, अगर सरकार कि यही कार्यप्रणाली रही तो धीरे-धीरे ये अधिनियम पूरे देश में फैल जाएगा और हमारी धार्मिक आज़ादी पर अंकुश लग जायेगा।