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चालू वित्त वर्ष के बजट पर चर्चा के दौरान पार्षदों का हंगामा, महापौर ने बीच में छोड़ा सदन
पहले कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन, फिर पार्षद कोविड प्रोटोकॉल भूले ,किया बवाल
लखनऊ,संवाददाता । लंबे इंतजार के बाद चालू वित्त वर्ष के बजट पर चर्चा के लिए बुलाए गए सदन में जमकर हंगामा हुआ। एक ओर नगर निगम मुख्यालय के त्रिलोकनाथ हॉल में सदन शुरू होने से पहले कर्मचारियों ने वेतन भुगतान को लेकर प्रदर्शन कर नाराजगी जताई, तो वहीं समाजवादी व कांग्रेस के पार्षदों ने मिलकर झुग्गी झोपड़ी हटाने को लेकर जमकर बवाल मचाया। नगर निगम प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल सत्ताधारी पार्टी के भाजपा पार्षद ने भी बजट को अवैध बताया। पार्षदों के हंगामें के बीच हॉल में मौजूद महापौर संयुक्ता भाटिया सदन बीच में छोड़ चली गईं। इस बीच पार्षदों ने नारेबाजी कर विरोध जताया। सदन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रधानमंत्री मोदी व प्रियंका गांधी जिंदाबाद के नारों भी लगे।
रविवार को कोविड 19 प्रोटोकॉल के तहत नगर निगम सदन में शामिल होने के लिए आए सभी सदस्यों, अफसरों और अन्य लोगों का रैपिड एंटीजन टेस्ट किया गया। जांच में निगेटिव होने के बाद ही उनको सदन में प्रवेश मिल सका। इसके बाद सदन चालू हो सका। कोरोना गाइडलाइन पर अमल करने के बाद शुरू हुआ सदन समय बीतने के साथ-साथ जैसे आगे बढ़ा, तो तीखी बहस और हंगामे के बीच पार्षद कोविड 19 का प्रोटोकॉल भी भूल गए। मास्क उतार पार्षदों एक-दूसरे से सट नारेबाजी शुरू कर दी। एक ओर झुग्गी झोपड़ी हटाए जाने का विपक्षी पार्षदों ने विरोध किया। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी के पार्षदों ने नगर निगम प्रशासन पर दंडात्मक कार्रवाई करने का आरोप लगाया। इसे लेकर सदन में हंगामा शुरू हो गया। इस दौरान नगर निगम सदन में भाजपा पार्षद नागेंद्र सिंह चौहान और मुन्ना मिश्रा ने ही बजट को अवैध करार दिया। उन्होंने कहा कि पूर्व में कार्यकारिणी समिति में पास बजट के विपरीत खर्च को अधिक दिखाया गया है, जो गैरकानूनी है। इससे पहले समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पार्टी ने भी बजट को अवैध बताया था। थोड़ी देर बाद भाजपा और विपक्षी पार्षदों ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान महापौर संयुक्ता भाटिया सदन छोड़ कर चली गईं। सदन की कार्यवाही ठप हो गई।
पार्षदों ने उठाए सवाल
पार्षदों से अफसरों तक यह चर्चा है कि अप्रैल से लागू बजट पर अब सदन की बैठक बुलाए जाने का क्या मतलब है। सामान्य सदन बुलाया जाता तो जनसमस्याओं पर चर्चा होती। जबकि अक्तूबर में पुनरीक्षित बजट आने वाला है। मालूम हो कि मार्च में लॉकडाउन हो जाने के कारण सदन की बैठक नहीं हो पाई थी। ऐसे में कार्यकारिणी से पास 19 अरब 30 करोड़ आय-व्यय के बजट को ही लागू कर दिया गया था।
नारेबाजी कर कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया
सदन से पहले नगर निगम कर्मचारियों ने नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। कर्मचारियों ने अलग-अलग मदों में करीब 90 करोड़ बकाया का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने महापौर व नगर आयुक्त को ज्ञापन सौंप अविलंब बकाया भुगतान करने की मांग की। नगर निगम एवं जलकल कर्मचारी संघ के अध्यक्ष शशि कुमार मिश्रा ने प्रदर्शन का नेतृत्व किया। उन्होंने नगर निगम पर कर्मचारियों के शोषण का आरोप लगाया। कहा कि, नगर निगम की सेवा से सेवानिवृत्त एवं सेवारत कर्मचारियों का कई वर्षों से करीब 90 करोड़ रुपये बकाया है। वहीं, कर्मचारियों का पराश्रमिक भी राज्य सरकार द्वारा अनुमन्य देयक के अनुसार नहीं किया जा रहा है।
सदन में 19.30 अरब का बजट पास
नगर निगम सदन में 19 अरब 30 करोड़ 34 लाख की आय के सापेक्ष 16 अरब 56 करोड़ 26 लाख रुपये के व्यय का बजट एवं जलकल का 320 करोड़ का बजट सर्वसम्मति से पास किया गया। महापौर संयुक्ता भाटिया द्वारा पास किये गए बजट में विकास कार्यों को गति दी गयी। वार्ड विकास निधि के माध्यम से समस्त वार्डो में 1.15 करोड़ रुपये के विकास कार्य कराए जाएंगे, जिसमे से 5 लाख रुपये प्रतिवार्ड पार्षद कोरोना सुरक्षा संबंधित उपकरण खरीदने पर व्यय कर सकेंगे। वर्ष 2018-19 में नगर निगम ने अपने बजट में 2.89 करोड़ रुपये के खर्च का प्रावधान किया था और उसके बाद यातायात सुरक्षा पर बजट में किसी तरह के खर्च का कोई प्रावधान नहीं किया गया।
इन कार्यों में होगा इतना खर्च
नाला सफाई में – 8.50 करोड़,सफाई उपकरण की खरीद में – 13 करोड़,मार्ग प्रकाश में – 12.70 करोड़, सड़क नाली मरम्मत में – 183 करोड़,शहरी निर्धन हेतु – 20 करोड़ और अवस्थापना में – 50 करोड़ रूपए का खर्च होगा |
सदन में पास प्रमुख प्रस्ताव
– विकाय को गति देने जिन कार्य के लिए टेंडर जारी हो चुका है उसके लिए 41 करोड़ का बजट
– अमृत योजना एवं स्मार्ट सिटी में महापौर को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव
– जलकल द्वारा सभी वार्डों में 2 लाख रुपये प्रति वार्ड पाईपलाइन मरम्मत एवं नए पाईपलाइन निर्माण का कार्य होगा
– जलकल के 49 कर्मचारियों के विनिमितिकरण का प्रस्ताव पास कर शासन को भेजा
मरणोपरांत योद्धा सम्मान
कोरोना के दौरान अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए संक्रमण के चपेट में आकर मरने वालों को कोरोना योद्धा सम्मान से सम्मानित किया। पार्षद स्वर्गीय वीरेंद्र जसवानी वीरू सहित स्वर्गीय राजेश कुमार वर्मा, स्वर्गीय कमल कुमार, स्वर्गीय कविता, स्वर्गीय रामगोपाल, स्वर्गीय गोमती देवी को मरणोपरांत कोरोना योद्धा के सम्मान से सम्मानित किया गया। इनके परिवारजनों को महापौर ने स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्र एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
कोरोना योद्धा बनकर किया सराहनीय कार्य : महापौर
सदन की अध्यक्षता कर रहीं महापौर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान नगर निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों ने जनता तक अपनी सेवाएं जैसे साफ सफाई, सैनिटाईजेशन के साथ ही कोरोना पॉजीटिव व्यक्ति के घर के पास बैरिकेडिंग एवं जरूरतमंदों तक भोजन पहुचाने का अति सराहनीय कार्य किया है। सफाई कर्मचारी जो बिना डरे सबसे पहले कोरोना से जंग करते है, तो मानीय पार्षदों ने अपने वार्ड की जनता को कोरोना महामारी एवं लॉकडाउन में अपने संसाधनों से राशन और भोजन बांटा, जरूरतमंदों को गैस सिलेंडर उपलब्ध कराया। कोरोना निगरानी समिति के अध्यक्ष होने के नाते कोरोना संक्रमित व्यक्ति को होम आइसोलेशन एवं अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति की। सच्चे मायने में देखे तो सबसे आगे और सबसे पहले कोरोना योद्धा हमारे नगर निगम के मा० पार्षद, अधिकारी और कर्मचारी है। मैं इस सदन के माध्यम से आप सभी का अभिनंदन करती हूँ, वंदन करती हूं।
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