HomeINDIAगृहमंत्री अमित शाह कोरोना पॉसिटिव, भाजपा मंत्री की कोरोना से मौत
गृहमंत्री अमित शाह कोरोना पॉसिटिव, भाजपा मंत्री की कोरोना से मौत
लखनऊ,संवाददाता | कोरोना वायरस नें अमीरी और गरीबी की दीवार को तोड़कर ये साबित कर दिया कि उसकी निगाह में हर कोई बराबर है | ये किसी की निर्धनता देखकर न तो उसपर रहम करता है और न ही किसी अमीर से हमदर्दी करता है | चाहे अभिनेता अमिताभ बच्चन हों या फिर अमित शाह जैसे बड़े नेता | प्राप्त जानकारी के अनुसार आज जहाँ योगी आदित्यनाथ सरकार में प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमल रानी वरुण को कोरोना वायरस ने अपनी चपेट में लेकर उनकी जीवन लीला समाप्त कर दी है, तो वहीँ गृहमंत्री अमित शाह भी आज कोरोना पॉसिटिव पाए गए हैं | हालाँकि इससे पहले भी कई प्रदेशों से मिली ख़बरों के मुताबिक़ कई राजनैतिक दलों के नेताओं को कोरोना वायरस अपनी ज़द पर ले चुका है | केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने यह जानकारी एक ट्वीट के माध्यम से लोगों को दी है | अमित शाह ने अपने ट्वीट में लिखा है की कोरोना के शुरुआती लक्षण दिखने पर मैंने टेस्ट करवाया और रिपोर्ट पॉजिटिव आई है | हालांकि उन्होंने लिखा है कि उनकी तबीयत ठीक है लेकिन डॉक्टरों की राय पर अस्पताल में भर्ती हो रहा हूं | उन्होंने अनुरोध किया है कि जो भी लो गत कुछ दिनों में मेरे संपर्क में आए हैं कृपया वह खुद को आइसोलेट कर अपनी जांच करवाएं | इस बीच प्रधानमंत्री कार्यालय में कैबिनेट में शामिल हुए सभी मंत्रियों को तुरंत अपना टेस्ट कराने को कहा गया है | पीएमओ ने इसके साथ ही रिपोर्ट नहीं आने तक किसी भी व्यक्ति से नहीं मिलने की पीएमओ का निर्देश दिए हैं | अमित शाह कैबिनेट की बैठक में मौजूद रहे थे कैबिनेट के अन्य सदस्य आइसोलेशन को लेकर विचार कर रहे हैं |अब देखना यह होगा कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आइसोलेशन में जाते हैं या नहीं ?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पुरानी सक्रिय कार्यकर्ता व उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमल रानी वरुण का आज रविवार को निधन हो जाने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ में आज का अपना अयोध्या दौरा भी रद्द कर दिया है | बताते चलें मंत्री कमल रानी वरुण की मौत कोरोना वायरस की चपेट में आने के बाद हुई है इसकी पुष्टि एसजीपीजीआई के सीएमएस डॉ अमित अग्रवाल ने की | 18 जुलाई को उनकी कोरोना वायरस की रिपोर्ट आने के बाद उन्हें लखनऊ के पीजीआई अस्पताल में भर्ती कराया गया था ,वह कानपुर के घाटमपुर से विधायक थी ,हालांकि डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की कोशिश की लेकिन मौत के आगे उनकी जिंदगी हार गई और वह इस दुनिया से रुखसत हो गई | कोरोना के कारण उन्हें निमोनिया हो गया और इन्फेक्शन उनके फेफड़ों तक पहुंच गया था | 2 दिन पहले उन्हें प्लाज्मा चढ़ा था | जानकारी के अनुसार मंत्री कमला रानी पहले से ही मधुमेह,हाइपरटेंशन और थायराइड की पेशंट थीं , उनका ऑक्सीजन लेवल काफी कम हो गया था | हालांकि एसजीपीजीआई में भर्ती होने के शुरुआत के 10 दिनों में उनकी तबीयत स्थिर रही थी लेकिन पिछले 3 दिनों से उनकी तबीयत अचानक खराब होने लगी ,शनिवार को तबीयत ज्यादा बिगड़ने के बाद उन्हें बड़े वेंटिलेटर पर रखा गया लेकिन आज रविवार को सुबह लगभग 8:30 बजे उनका निधन हो गया | उनकी बेटी भी कोरोना पॉजिटिव थी जबकि वह ठीक हो चुकी है | कमला रानी 3 मई 1958 को लखनऊ में ही जन्मी थी उनका विवाह एलआईसी में प्रशासनिक अधिकारी संघ के स्वयंसेवक किशनलाल से हुआ था | शादी के बाद कानपुर आई कमला रानी ने सर्वप्रथम 1977 के चुनाव में बूथ पर मतदाता पर्ची काटने का काम किया था | समाजशास्त्र से एमए कमल रानी आरएसएस द्वारा मलिन बस्तियों में संचालित सेवा भारती के सेवा केंद्र में बच्चों को शिक्षा और निर्धन महिलाओं को कढ़ाई सिलाई और बुनाई का प्रशिक्षण देने लगी | वर्ष 1989 में भाजपा ने उन्हें शहर के एक वार्ड से कानपुर पार्षद का टिकट दिया चुनाव जीतकर नगर निगम पहुंची | कमला रानी 1995 में दोबारा उसी वार्ड से पार्षद निर्वाचित हुई फिर भारतीय जनता पार्टी ने 1996 में घाटमपुर सुरक्षित संसदीय सीट से चुनाव मैदान में उतारा और उन्होंने अप्रत्याशित जीत हासिल की और लोकसभा पहुंची और 1998 में उन्होंने उसी सीट से दोबारा जीत दर्ज की जबकि वर्ष 1999 के लोकसभा चुनाव में उन्हें मात्र 585 वोटों के अंतर से बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी प्यारेलाल सलवार के हाथों करारी शिकस्त झेलनी पड़ी | सांसद रहते कमल रानी ने लेबर एंड वेलफेयर उद्योग राजभाषा सशक्तिकरण और पर्यटन मंत्रालय की संसदीय सलाहकार समिति में रहकर काम किया वर्ष 2012 में भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें रसूलाबाद कानपुर देहात से टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा लेकिन वह जीत नहीं सकीं | वर्ष 2015 में पति की मृत्यु के बाद 2017 में वह घाटमपुर सीट से भाजपा की पहली विधायक चुनकर विधानसभा में पहुंची थी |
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