लखनऊ (सवांददाता) केरल में दैवीय आपदा का प्रकोप कुछ इस तरह आया जो अभी तक जाने का नाम ही नहीं ले रहा हैं| ये अलग बात हैं कि देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित तमाम देशवासी केरल में बाढ़ से प्रभावित लोगों की सहायता करने के लिए आगे आ चुके हैं, लेकिन वहाँ के लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जब्कि इस बाढ़ ने जहाँ हजारों लोगों को अपना निशाना बनाते हुए मौत के घाट उतार दिया हैं वहीँ हज़ारों लोग बाढ़ की ज़द पर आकर कहाँ बह गए, पता नहीं? हालाँकि मौसम विभाग ने राहत की खबर दी है। मौसम विभाग के अधिकारी मृत्युंजय महापात्रा ने बताया है कि आने वाले 4-5 दिनों में केरल में भारी बारिश का स्तर कम होगा और धीरे-धीरे यहां का जलस्तर भी कम हो जाएगा।
केरल में 8 अगस्त से हो रही तेज बारिश के चलते वहां आई बाढ़ और भूस्खलन से राज्य मे हाहाकार मचा हुआ है। इस बाढ़ के चलते केरल राज्य के हजारों मकान जल प्रलय में समा गए। इस प्राकृतिक आपदा के चलते राज्य में 357 से ज्यादा लोगों की मौते हो चुकी हैं| जब्कि हजारों लोग लापता हो गए हैं तो लाखों लोग बेघर हो चुके हैं। सेना ने बड़ी बहादुरी के साथ राहत और बचाव का काम संभाला है और बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया है।
आज भारतीय वायुसेना के गरुड़ स्पेशल फोर्स के विंग कमांडर प्रशांत ने अलप्पुझा के बाढ़ प्रभावित शहर में छत से एक बच्चे को एयरलिफ्ट कर बचाया। इसके पहले सेना ने एक गर्भवती महिला और कई बुजुर्ग दंपतियों को एयर लिफ्ट कर उनकी जान बचाई है। अभी भी सेना और एनडीआरफ का राहत और बचाव का अभियान जारी है।
भारी बारिश के चलते पलक्कड़ के नेल्लियंपैथी पहाड़ी इलाके में सड़कों पर भारी भूस्खलन हुआ है। राहत एवं बचाव दल द्वारा सड़क से मलबा हटाने का काम जारी है। केरल बाढ़ में राहत शिविरों के लिए मुंबई से आईएनएस मैसूर जहाज में राशन, पानी और दैनिक जरूरत की राहत सामग्री भेजी गई है।
केरला बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मुख्यमंत्री राहत कोष से 5 करोड़ रुपये की अतिरिक्त वित्तीय सहायता की घोषणा की हैं| साथ ही उन्होंने केरल को भेजे जाने वाले 8 करोड़ रुपये के 500 मीट्रिक टन पॉलिथिन शीट का भी आदेश दिया है। इसके अलावा उन्होंने 244 अग्निशमन दल के लोग और 65 नौकाएं भी बाढ़ पीड़ितों के मदद के लिए भेजी हैं।