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एक अप्रैल से शुरू होगा प्रीपेड मीटर लगाए जाने का सिलसिला, 2022 तक पूरा होगा लक्ष्य
हुज़ूर ? निर्धन लोग कैसे खरीदेंगे इतने महंगे प्रीपेड मीटर
8 हज़ार में सस्ता और 25 हज़ार में गुणवत्ताओं से लैस मिलेगा प्रीपेड मीटर
लखनऊ (सवाददाता) बिजली की चोरी रोकने, बकायेदारों से बकाया वसूलने और बिजली के बिल के झंझट जैसे तमाम मामलों से नजात पाने के लिए 1 अप्रैल से हर घर में प्रीपेड मीटर लगाये जाने का कार्य शुरू हो जायेगा | इस प्रीपेड मीटर लगाए जाने का केंद्र सरकार ने 2022 का लक्ष्य रखा है, जिसके बाद लोगों को बिना मीटर को रिचार्ज कराए घर में बिजली की सप्लाई नहीं मिल सकेगी। उपभोक्ताओं को मोबाइल फोन की तरह बिजली को रिचार्ज कराना होगा। ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने मीटर निर्माताओं को स्मार्ट प्री-पेड मीटरों का उत्पादन बढ़ाने का सुझाव दिया। उन्होंने निर्माताओं से कहा कि आने वाले दिनों में इसकी बड़ी मांग होगी और उम्मीद है कि तीन साल में सभी मीटर स्मार्ट प्री-पेड होंगे।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि स्मार्ट मीटर के तमाम फायदों को ध्यान में रखते हुए इसके निर्माण को अनिवार्य करने पर विचार करें।
इस समय बाजार में सबसे सस्ता सिंगल फेज प्रीपेड बिजली मीटर अभी 8 हजार रुपये का मिल रहा है। हालांकि अच्छी गुणवत्ता वाला मीटर खरीदने के लिए लोगों को 25 हजार रुपये तक खर्च करने पड़ सकते हैं |
उर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा कि 2022 तक पूरे देश में 24X7 सभी को निर्बाध तरीके से बिजली मिल सकती है। यह करना भी जरूरी होगा। प्रत्येक घर में बिजली को केवल प्रीपेड मीटर के जरिए सप्लाई किया जाएगा। बिना प्रीपेड मीटर के बिजली जलाने पर जुर्माना लगाया जाएगा।
आरके सिंह ने कहा कि अब पॉवर कंपनी के कर्मचारी बिलिंग और कलेक्शन के काम में नहीं लगेगे और न ही इन कर्मचारियों को मीटर की रिडिंग के लिए लगाया जाएगा।
मीटिंग में लाइन लॉस को कम करने पर भी सहमति बनी और इसको जनवरी 2019 तक 15 फीसदी से नीचे लाया जाएगा। अभी देश भर में लाइन लॉस कई राज्यों में 50 फीसदी से अधिक है। लाइन लॉस उसे कहते है, जब लोग कटिया डालकर या फिर कम लोड लेकर चोरी करके बिजली को जलाते हैं। प्रीपेड मीटर लग जाने के बाद लाइन लॉस कम होने की सम्भावना है, जिसके चलते आने वाले वक्त में बिजली की दरें कम हो सकती हैं। यही नहीं इससे उपभोक्ताओं को अक्सर उस लम्बे चौड़े आने वाले बिल से भी छुटकारा मिल जायेगा जो बिजली विभाग द्धारा मीटर जम्पिंग के कारण भेज दिए जाते हैं | लेकिन सरकार को प्रीपेड मीटर लगाए जाने से पूर्व इसका भी ध्यान रखना होगा कि बिजली की दरों में कटौती भी करें, जिससे मध्यम आये वर्ग को राहत मिल सके | एक और खास बात ध्यान करने योग्य हैं जो सस्ता मीटर हैं उसके दाम 8 हज़ार रूपए निर्धारित किये गए हैं जो एक निर्धन व्यक्ति के लिए बहुत ही अधिक हैं, साथ ही गुणवत्ताओं से लैस जिस मीटर की क़ीमत 25 हज़ार निर्धारित की गई हैं उस पर भी सरकार को ध्यान देना होगा, क्योकि ये राशि भी किसी गरीब के लिए कम नहीं होती हैं |
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