ऊर्जा संयत्र लगाने का प्रमाणपत्र नहीं तो, नहीं पास होगा भूखंड का नक़्शा
लखनऊ,संवाददाता | अब मकानों का नक़्शा पास करवाना इतना आसान नहीं रहा कि जितना आसान पहले हुआ करता था | क्योंकि विकास प्राधिकरण के नए नियमों के अनुसार अब आपको अपने घर का मानचित्र स्वीकृत करवाने के लिए ऊर्जा संयत्र लगाने का प्रमाणपत्र देना होगा | अन्यथा आप अपने घर का मानचित्र स्वीकृत नहीं करवा सकेंगे | प्राधिकरण उन्हीं भूखंडों का मानचित्र स्वीकृत करेगा जिनके नक़्शे में ऊर्जा संयत्र का प्रमाण पत्र होगा |
विकास प्राधिकरण ने शहरों में 500 वर्ग मीटर या इससे अधिक बड़े मकानों के बनाने के लिए सोलर संयत्र लगाना अनिवार्य कर दिया है | प्राधिकरण सोलर संयंत्र वाले भवनों का ही नक्शा पास करेंगे |इसके अलावा पहले से बने 500 वर्ग मीटर या इससे अधिक बड़े भवनों की जांच कराई जाएगी |अनिवार्यता के अनुसार उनके यहां सोलर संयंत्र लगाया गया है या नहीं | शासन स्तर पर तय किया गया है की कंप्लीशन सर्टिफिकेट देने से पहले विकास प्राधिकरण स्थल पर जाकर भवनों का स्थलीय सर्वे करेगा | कर्मचारी पता लगाएंगे 500 वर्ग मीटर और इससे बड़े मकानों में सोलर संयंत्र लगे हैं अथवा नहीं | संयंत्र लगाने के बाद ही संबंधित भवन स्वामी को कंपलीशन सर्टिफिकेट दिया जाएगा | बिना संयंत्र के अगर भवन का नक्शा पास हो भी जाता है तो ऐसी दशा में संबंधित भवन स्वामी और साथ ही विकास प्राधिकरण के दोषी अभियंताओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी | बताते चलें कि 500 वर्ग मीटर या इससे बड़े भूखंडों पर निर्माण के लिए सोलर संयंत्र लगाने की अनिवार्यता की गई है | इसके अलावा एकल आवासीय भवन ,अस्पताल, गेस्ट हाउस, होटल ,नर्सिंग होम, विश्वविद्यालय, प्राविधिक विश्वविद्यालय, छात्रावास ,सर्वाधिक शिक्षण संस्थाएं, प्रशिक्षण केंद्र ,सशस्त्र बल बैरक आदि भवनों में भी सोलर संयंत्र लगाना जरूरी कर दिया गया है |
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