लखनऊ (सवांददाता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आतंकवादी हमले की निरंतर मिल रही सूचना के बाद से भारत की तमाम ख़ुफ़िया एजेंसियां सक्रीय थी और अभी भी सक्रीय है| मोदी की सुरक्षा के मद्देनज़र हर ऐसे वयक्ति पर नज़र रखी जा रही थी, जो ज़रा भी आपराधिक प्रवति का था | आज इसी के चलते हिजबुल मुजाहिद्दीन का एक खूंखार आतंकवादी को कानपुर से सुबह 5 बजे चकेरी थाना क्षेत्र से कानपुर टीम की मदद से यूपी पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये जाने की एक बड़ी सफलता हाथ लगी है, लेकिन एक बात सोचनीय विषय है| बताते चलें कि इस आतंकवादी ने ”आ बैल मुझे मार” का मुहावरा चरितार्थ करते हुए खुद ही सोशल मीडिया पर अपना हथियार के साथ फोटो अपलोड किया था। जिसके बाद से ही एटीएस उसे ट्रैक कर कर रही थी। इस ऑपरेशन में एनआईए का सहयोग भी शामिल था |
डीजीपी ओपी सिंह ने इस सफलता के बाद दिए अपने बयान में कहा कि ये आज बहुत ही बड़ी सफलता मिली है। उन्होंने बताया कि ये शिक्षित आतंकी है और उसने गणेश चतुर्थी पर धमाका करने की साजिश रची थी। उसके पास कानपुर के कुछ मंदिरों की डिटेल मिली है। इससे साफ है कि कानपुर के एक मंदिर को निशाना बनाना था।
पूछताछ में आतंकी कमरुज्जमा ने बताया कि उसने किश्तवाड़ के जंगलों में ओसामा नाम के युवक से ट्रेनिंग ली थी। वह 2008 से 2011 तक विदेश में रहा है। वह कश्मीर से कब यहां आया, इसकी भी तहकीकात की जा रही है।इसके अलावा यूपी में ये कहा रहा और इसके टारगेट पर कौन-कौन था, ये अभी राज़ बना हुआ है | आतंकी के मोबाइल से जानकारी जुटाई जा रही है। रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। उसने स्वीकार किया है कि वह हिजबुल का सदस्य। उनके साथ प्रेस कांफ्रेंस में एडीजी लॉ एंड आर्डर आनंद कुमार तथा आइजी एटीएस असीम अरुण भी थे।
हिजबुल मुजाहिद्दीन जम्मू-कश्मीर के सबसे बड़े और पुराने आतंकी संगठनों में से एक है। इसका मुखिया सैयद सलाहुद्दीन के नाम से जाना जाता है। इस आतंकी संगठन का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर में भय का मौहौल बनाकर कश्मीर को भारत से अलग करके पाकिस्तान में उसका विलय करना है। कश्मीर में आतंकियों और अलगाववादियों को हुई विदेशी फंडिंग की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने हिजबुल मुजाहिद्दीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन के दूसरे बेटे सैयद शकील अहमद को श्रीनगर के रामबाग इलाके में उसके घर से गिरफ्तार किया है।