आधे अधूरे मंदिर में भगवान को स्थापित किया जाना धर्म संम्मत नहीं : जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी
लखनऊ,संवाददाता। जैसे जैसे राम मंदिर उद्घाटन का समय निकट आ रहा है वैसे वैसे राम मंदिर उद्घाटन पर सवालिया निशान लगते जा रहे हैं। अभी तक तो कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दल इस जल्दबाजी के पीछे लोकसभा चुनाव में श्रेय लेने का भाजपा पर आरोप लगा रहे थे लेकिन अब उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने राम मंदिर पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा, राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में चारों शंकराचार्य नहीं जाएंगे। मंदिर अभी पूरी तरह से बना नहीं है, इसलिए आधे अधूरे मंदिर में भगवान को स्थापित किया जाना धर्म संम्मत नहीं है। उन्होंने कहा कि हम एंटी मोदी नहीं है लेकिन हम एंटी धर्म शास्त्र भी नहीं होना चाहते।
जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्ते श्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा, “शंकराचार्य केवल धर्म व्यवस्था देते हैं। चंपत राय को जानना चाहिए कि शंकराचार्य और रामानंद संप्रदाय के धर्मशास्त्र अलग-अलग नहीं होते। अगर ये मंदिर रामानंद संप्रदाय का है तो वहां चंपत राय और दूसरे लोग क्यों हैं? वे लोग वहां से हट जाएं और मंदिर रामानंद संप्रदाय को सौंपे और रामानंद संप्रदाय के लोग ही वहां प्राण प्रतिष्ठा करेंगे।”