अलीगढ़ में पंचायत चुनाव से पूर्व बसपा को झटका
लखनऊ, संवाददाता। ग्राम पंचायत चुनावों से ठीक पहले अलीगढ़ में बसपा सुप्रीमों से नाराज़ कई बसपा कार्यकर्ताओं ने बसपा को छोड़कर सपा का हाथ थाम लिया है। इनमें कई बसपा पार्षदों सहित करीब 30 प्रधानों के नाम शामिल हैं जिन्होंने समाजवादी पार्टी में जाकर बहन जी का खुलकर विरोध किया है।पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह और मोहम्मद शमी का कहना है कि जल्दी अलीगढ़ में इसका एलान किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सभी पार्षद बहुजन समाज पार्टी की कारगुजारी और नीतियों से ना ख़ुश है । उन्हें पार्टी में वह सम्मान नहीं मिल रहा था जिसके वह हकदार थे इसलिए उन्होंने समाजवादी पार्टी में जाना बेहतर समझा है। वहीं ग्राम प्रधानों में भाजपा की नीतियों को लेकर रोष था, जिस वजह से वह सपा में शामिल हुए हैं ।समाजवादी पार्टी में शामिल होने वाले पार्षदों में मोहम्मद अकरम, हफीज अब्बासी ,शाकिर वार्ड नंबर 45, वार्ड नंबर 48 के स्वर्गीय पार्षद शहाबुद्दीन के प्रतिनिधि वार्ड नंबर 70 आस मोहम्मद ,पत्नी पार्षद हुस्न बानो, फिरोज और राकेश सहित एक निर्दलीय पार्षद शाहिद मलिक भी शामिल है। इस दौरान बसपा नेता अंसार मलिक, कयूम मलिक के साथ अन्य लोग भी मौजूद थे । वही आम आदमी पार्टी के रईस मलिक, एमआई एमआईएम से सपा में शामिल हुए हैं । यही नहीं इनके अलावा बजरंग दल से ठाकुर नीतू सिंह, स्वाभिमान सिंह, विशाल सैनी और ठाकुर मनोज सिंह भी सपा में शामिल हो गए हैं । प्रधान संगठन की अध्यक्ष ज्योति सिंह के पति अर्जुन सिंह भोलू का दावा है कि करीब 30 प्रधान सपा में शामिल हुए हैं जिनमें अधिकतर धानेपुर ब्लॉक से हैं। हालांकि वह अभी इनके नाम नहीं खोलना चाहते हैं। पार्टी के नेताओं का कहना है प्रधानों के नाम भी जल्द बताए जाएंगे। फिलहाल इनके नाम इसलिए नहीं बताए जा रहे हैं क्योंकि भविष्य में प्रधान का चुनाव है और सत्तारूढ़ दल के नेता उनके लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं।
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