HomeINDIAअयोध्या में राममंदिर का निर्माण, आखरी है भाजपा के लिए रामबाण

अयोध्या में राममंदिर का निर्माण, आखरी है भाजपा के लिए रामबाण

(ज़की भारतीय)
लखनऊ (सवांददाता) आगामी 2019 लोकसभा चुनाव में अब चाहे विपक्ष कितना बड़ा भी गठबंधन कर ले और यही नहीं भाजपा की गलत नीतियों को उजागर कर दे लेकिन भाजपा की तमाम गलतिया अब एक बार फिर रामलला का मदिर निर्माण का मामला भाजपा की 2019 में दुबारा सरकार बना कर दम लेगा | इस समय सबसे बड़ा मुद्दा नोट बंदी, जीएसटी या फिर जनधन खातों में रूपए डालने का मोदी का वादा नहीं बल्कि राममंदिर निर्माण का है | हालाँकि इस मुद्दे को लेकर ही भाजपा केंद्र में मोदी सरकार से पूर्व भी दो बार सरकार बना चुकी है | जिस समय भाजपा ने एक नारा दिया था “रामलला हम आएंगे मंदिर वही बनाएंगे ” उसके बाद से भाजपा की भारत में धीरे-धीरे ऐसी हवा बनी कि आज भाजपा कुछ प्रदेशों को छोड़कर केंद्र में भी प्रचंड बहुमत से सरकार बनाए हुए है | लेकिन सवाल ये है कि आखिर इस लोकसभा चुनाव से पूर्व ही राममंदिर निर्माण को लेकर भाजपा क्यों सक्रिय हुई ? हालाँकि भाजपा के तमाम वरिष्ठ नेताओं के एक वर्ष पूर्व जो बयानात थे वो माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर टिके हुए थे | विधानसभा अध्यक्ष ह्रिदय नारायण दीक्षित ने भी लगभग एक वर्ष पूर्व दिए अपने बयान में कहा था कि वो अदालत फैसले का स्वागत करेंगे क्योकि वो न्याय पालिका का सम्मान करते है | यही नहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इसी तरह के बयानात दिए थे | लेकिन आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत के निमंत्रण पर आये भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने बैठक के बाद अपने राममंदिर निर्माण पर बयानात बदल दिए | अब साधु संतों सहित सभी भाजपा नेताओं का कहना है कि वो अब अदालत द्धारा फैसले का इन्तेज़ार नहीं कर सकते | ऐसी दशा में राममंदिर का निर्माण या तो आपसी रज़ामंदी के तहत किया जाना उचित रहेगा अथवा इसके लिए भाजपाइयों को चाहिए कि क़ानून बनाकर बिल पारित कराये और राममंदिर का निर्माण कर ले | यदि ऐसा नहीं होता है और राममंदिर का निर्माण कारसेवा करके जबरन किया गया तो देश में दंगे भड़कने कि संभावना प्रबल हो जाएगी | यही नहीं इस कृत से भाजपा विश्व भर में कलंकित भी होगी | अब ये कहना तो उचित नहीं रहेगा कि राममंदिर का निर्माण आस्था के कारण होगा या फिर 2019 में पुनः भाजपा सरकार बनने के लिए होगा ? लेकिन ये तो तय है कि राममंदिर निर्माण चुनाव से पूर्व होकर रहेगा | जो हालात आजकल शुरू हुए है उससे आने वाले द्रश्य स्पष्ट दिखाई दे रहे है| राममंदिर निर्माण को लेकर 25 नवंबर को होने वाली धर्मसभा की तैयारियों को लेकर संघ के सर कार्यवाह भैया जी जोशी आज अयोध्या पहुंचे। रामलला के दर्शन करने के बाद कहा कि त्रिपाल में रामलला का दर्शन हमारे लिए अंतिम हो, अगली बार हम भव्य मंदिर में रामलला के दर्शन करने आएं, यही प्रार्थना भगवान राम से की है। धर्मसभा में रामभक्तों के बड़े शक्ति का दर्शन होगा।
संघ कार्यवाह भैया जी जोशी ने कहा कि धर्मसभाएं साधु-संतों के आह्वान पर हो रही हैं। हम सब हिंदू के नाते- रामभक्त के नाते सारी धर्मसभा में सम्मिलत होंगे। हम अपेक्षा करते हैं साधु-संतों के निमंत्रण को सारा हिंदू समाज बहुशक्ति के साथ स्वीकार करेगा। हम एक बार फिर राममंदिर निर्माण का संकल्प दोहराना चाहते हैं।

राममंदिर को लेकर सरकार की भूमिका पर कहा कि हम शासन से कुछ नहीं कहेंगे, हम न्यायालय से कहेंगे कि हिंदुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए इस मुद्दे को अतिशीघ्र संवेदनशील व श्रद्धा विषयक मानकर शीघ्रता से निर्णय करें। मार्ग में जो बाधाएं हैं वह दूर करें।

सोमनाथ की तर्ज पर मंदिर बनाने के सवाल पर बोले कि सोमनाथ की परिस्थितियां भिन्न थीं। शासन के अधिकार में जो है वह शासन पहल करे। कानून बनाना है, नहीं बनाना है यह सत्ता में बैठे लोगों के निर्णय का विषय है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हुए कहा कि वे शीघ्रता से इस मामले में पहल करें। हालाँकि भैय्या जी के बयान से ये प्रतीत होता है कि उन्हें सर्वोच्च न्यायालय के आदेश कि प्रतीक्षा है , लेकिन मंदिर निर्माण मामले में जब लाखों कारसेवकों को इकठ्ठा किया जायेगा और वहाँ कारसेवक आस्था के जुनून में आकर यदि राममंदिर निर्माण शुरू कर देंगे तो आखिर उन्हें कौन रोकेगा ?

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