लखनऊ (संवाददाता) मीट व्यापारियों को अभी पूर्वी दिल्ली में अपनी दुकानों पर हलाल या झटका लिखना लाज़मी होगा फिर शायद ये कई प्रदेशों में लागू हो सकता है |दरअस्ल पूर्वी दिल्ली के नगर निगम क्षेत्र में मीट या संबंधित उत्पादों की बिक्री करने वाली सभी दुकान, रेस्टोरेंट और होटल के लिए हलाल या झटका लिखना अनिवार्य होगा। क्योंकि ईडीएमसी की स्थायी समिति की बैठक में रखे गए प्रस्ताव पर हुई बहस के बाद इसे पास कर दिया गया है । पूर्वी दिल्ली में लाखों की संख्या में सिख और हिंदू रहते हैं, जिनकी तरफ से लगातार इस बारे में मांग की जा रही थी कि क्षेत्र के रेस्टोरेंट और होटलों में हलाल या झटका मीट का पता न होने से परेशानी होती है। समिति की बैठक में इस मुद्दे पर हुई बहस के बाद इस संबंध में प्रस्ताव पारित किया गया।प्रस्ताव में कहा गया कि हिंदू और सिख धर्म में हलाल मीट का सेवन करना प्रतिबंधित है। इसलिए पूर्वी दिल्ली में मीट उत्पादों की बिक्री करने वाले सभी रेस्टोरेंट और होटलों के बोर्ड पर हलाल या झटका लिखना जरूरी होगा। इसके अलावा मीट उत्पादों की बिक्री करने वाली सभी दुकानों के लिए झटका या हलाल लिखना अनिवार्य कर दिया गया है। इस मामले में ख़ास बात ये है कि अब मुस्लमान भी हलाल गोश्त खा सकेगा ,क्योंकि हिन्दू और पंजाबी जहाँ हलाल गोश्त का सेवन नहीं करता है वहीँ मुसलमान सिर्फ हलाल गोश्त ही का सेवन करता है |
अस्ल में हलाल गोश्त उसे कहते हैं जो हलाल जानवर को ज़िबह करते समय कलमा पढ़कर काटा जाए जब्कि झटका उसे कहते हैं जो बिना कलमे के काटा जाए |
सदन और ईडीएमसी के कमिश्नर की मंजूरी मिलने के फौरन बाद इसे पूर्वी दिल्ली में लागू कर दिया जाएगा। इन सभी विक्रेताओं को बोर्ड पर हलाल या झटका लिखना होगा, ताकि किसी भी समुदाय के लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े।