(एस.एम शादाब)
लखनऊ (सवांददाता) प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विधालयों में शिक्षकों के एकल स्थानान्तरण के सम्बन्ध में इण्टर अधिनियम-1921 के अधीन बनाये गए विनियमों के द्वारा स्थापित व्यवस्था को इस सरकार के विभागीय मंत्री द्वारा पिछले डेढ़ वर्ष से हइजैक कर लिया गया है| बिना कोई लिखित आदेश जारी किये मौखिक फरमान से विनियमों में घोषित सक्षम अधिकारीयों को स्थानान्तरण पर निर्णय नहीं लेने दिया जा रहा है|
इन विधालयों के लगभग ढाई सौ शिक्षकों के स्थानान्तरण की पूर्ण एवं अर्ह पत्रावली ग्रीष्मावकाश से ही शिक्षा निदेशालय इलाहबाद में लम्बित है| इनमे से अधिकांश शिक्षक मण्डल के भीतर स्थानान्तरण चाहने वाले हैं और उनके स्थानान्तरण की फाइलें पूरानी नियमों से किये जाने की प्रत्याशा में मण्डलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालयों ने कई महीनों से रोके रखा था, बाद में उसे ग्रीष्मावकाश में शिक्षा निदेशालय इलाहबाद में मंगा लिया गया, लेकिन उनपर स्थानान्तरण आदेश निर्गत नहीं किया गया|
अपर शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) मंजू शर्मा अब तक चार बार पत्र लिखकर स्थानान्तरण आदेश निर्गत करने के लिए शासन से अनुमति मांग चुकी है, जब्कि विनियमों में अनुमति मांगने का कोई प्रावधान नहीं है, और हटधर्मिता में अनुमति नहीं दी जा रही है| प्रश्न है कि क्या शासन और प्रशासन क़ानूनी में स्थापित प्रक्रियाओं के बजाये मंत्रियों के मौखिक आदेशों से चलेगा ? गत वर्ष 07 मई,2017 उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा व उच्चाधिकारियों के साथ संगठन की हुई वार्ता में सहायता प्राप्त माध्यमिक विधालयों में संध के द्वारा सुझाये गए सरल एवं ऑनलाइन स्थानान्तरण की प्रक्रिया को लागू करने पर सहमति बनी थी|
उनके द्वारा बार-बार सार्वजनिक तौर पर आश्वासन दिए जाने के बावजूद अब तक ऑनलाइन स्थानान्तरण नीति लाने में यह सरकार विफल रही है| वर्तमान शैक्षिक सत्र 2018 -19 के पाँच महीने बीत चुके है, किन्तु प्रदेश के राजकीय एवं सहायता प्राप्त माध्यमिक विधालयों के प्राइमरी और जूनियर कक्षाओं के अधिकांश विधार्थियों को सभी विषयों की पाठ्य पुस्तके सरकार और शिक्षा विभाग उपलब्ध नहीं करा सका और न ही यह पुस्तके बाजार में उपलब्ध है|
शिक्षकों व छात्रों की इन समस्याओं को लेकर उ०प्र० माध्यमिक शिक्षक संध (ठकुराई गुट) कल दिनाँक 23 अगस्त 2018 को शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) के कार्यालय,18 पार्क रोड, लखनऊ पर धरना आयोजित कर रहा है| इस धरने में अपनी विषम पारिवारिक स्थितियों के कारण स्थानान्तरण चाहने वाले शिक्षकों के पारिवारिक सदस्य तथा उनके बच्चे भी सम्मिलित हो सकते है|
प्रेस क्लब लखनऊ में आयोजित पत्रकार वार्ता में ये जानकारी देते हुए संघ के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश पाण्डेय ठकुराई व प्रदेश महामंत्री लालमणि द्रिवेदी ने कहा कि यह सरकार शिक्षा के प्रति गम्भीर नहीं है| इसने सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों को परित्यक्त कर दिया है| इनका सारा ध्यान पब्लिक स्कूलों की तरफ है क्योकि नेताओं, नौकरशाहों और पूजीपतियों के बच्चे इन्ही स्कूलों में पढ़ रहे है|
महामंत्री ने बताया कि कल धरना आयोजित कर प्रदेश के मुख्यमंत्री का ध्यान इन समस्याओं की ओर आकृष्ट करने के लिए शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) के माध्यम से उन्हें ज्ञापन प्रेषित किया जायेगा|