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अंजुमन शब्बीरिया के अहम रुक्न हसन रज़ा उर्फ़ हसननू के इंतेक़ाल से ग़म का माहौल
यूँ तो मेरे अज़ीज़ों ने मुझको कफ़न दिया |
लेकिन मुझे हुसैन (अस) से शर्मिंदगी हुई ||
(ज़की भारतीय)
लखनऊ,संवाददाता | लखनऊ की मशहूर मातमी अंजुमन शब्बीरिया के एक अहम रुक्न और एक ज़िम्मेदार बाज़ू हसन रज़ा उर्फ़ हसननू इब्ने मोहम्मद हादी का 11 अगस्त 2020 को मुख़्तसर अलालत के बाद इंतेक़ाल हो गया | मरहूम इन्तेहाई मिलनसार ,खुशमिज़ाज और अज़ादारिये इमामे मज़लूम के इन्तेहाई शैदा थे | मरहूम के इन्तेक़ाल की खबर से शहर लखनऊ में ज़बरदस्त ग़म का अहसास देखा गया |
मरहूम लखनऊ की तमाम अंजुमनों से बहुत मोहब्बत करते थे , यही वजह थी कि मोमेनीन ने कसरत के साथ मइय्यत में शिरकत की | मरहूम का जनाज़ा उनके घर मुफ़्ती गंज से उठकर ऐशबाग़ की मलका जहाँ की कर्बला गया ,जहाँ ग़ुस्लो कफ़न ,नमाज़ और मजलिस हुई | उसके बाद मरहूम को सुपुर्दे ख़ाक किया गया | इस तरह अंजुमन शब्बीरिया ने अपने एक मोहसिन को खो दिया |
ये इत्तिला अंजुमन शब्बीरिया के जनरल सेक्रेटरी मोहम्मद रज़ा ने दी है |
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